Movie/Album: दो राह (1971)
Music By: सपन जगमोहन
Lyrics By: इन्दीवर
Performed By: आशा भोंसले
तुम्हीं रहनुमा हो, मेरी ज़िन्दगी के
बिगाड़ो मुझे या संवारो मुझे
मुझे शर्म कैसी, मेरे साथ तुम हो
किसी रास्ते से गुज़ारो मुझे
तुम्हीं रहनुमा हो मेरी...
तुम्हारे लिए तो मैं मर के भी जी लूँ
शराबें तो क्या है, ज़हर भी मैं पी लूँ
लगे डगमगाने, कदम आज मेरे
सहारा तो दो ऐ सहारों मुझे
मुझे शर्म कैसी...
मैं हूँ लाज घर की, तुम्हारी आरती हूँ
मगर महफ़िलों की शम्मा बन गयी हूँ
मेरा अब यहाँ से, पलटना है मुश्किल
भले ही कहीं से पुकारो मुझे
तुम्हीं रहनुमा हो मेरी...
Music By: सपन जगमोहन
Lyrics By: इन्दीवर
Performed By: आशा भोंसले
तुम्हीं रहनुमा हो, मेरी ज़िन्दगी के
बिगाड़ो मुझे या संवारो मुझे
मुझे शर्म कैसी, मेरे साथ तुम हो
किसी रास्ते से गुज़ारो मुझे
तुम्हीं रहनुमा हो मेरी...
तुम्हारे लिए तो मैं मर के भी जी लूँ
शराबें तो क्या है, ज़हर भी मैं पी लूँ
लगे डगमगाने, कदम आज मेरे
सहारा तो दो ऐ सहारों मुझे
मुझे शर्म कैसी...
मैं हूँ लाज घर की, तुम्हारी आरती हूँ
मगर महफ़िलों की शम्मा बन गयी हूँ
मेरा अब यहाँ से, पलटना है मुश्किल
भले ही कहीं से पुकारो मुझे
तुम्हीं रहनुमा हो मेरी...
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