Movie/Album: दाग (2017)
Music By: सचिन-जिगर
Lyrics By: प्रिया सरैया
Performed By: सुखविंदर सिंह
इक बार बहे, सौ बार बहे
अब सूख गए मेरे नैना
रज-रज के बहे, रग-रग से बहे
अब रूठ गए जी नैना
नैनों में सपना जल गया हाँ
मेरा जो रूह कारी कर गया
वो गहरा दाग न छूटे माहिया रे
तेरा दाग न छूटे माहिया
नैनों में सपना जल गया हाँ
मेरा दाग लगा जी सो लगा
ये मैला दाग न छूटे माहिया रे
तेरा दाग न छूटे माहिया
उन गलियों की चौबारों की, उस मिट्टी की वो यादें
अक्सर आँखें कर जाती हैं, उन तस्वीरों से बातें
यादों की इन लहरों को, चाहूँ मिल जाए ठिकाना
ये कागज़ वाली कश्तियाँ, चाहूँ मैं पार लगाना
पर दिल डरता है फिर से कहीं सावन आये ना
दाग न छूटे माहिया...
Music By: सचिन-जिगर
Lyrics By: प्रिया सरैया
Performed By: सुखविंदर सिंह
इक बार बहे, सौ बार बहे
अब सूख गए मेरे नैना
रज-रज के बहे, रग-रग से बहे
अब रूठ गए जी नैना
नैनों में सपना जल गया हाँ
मेरा जो रूह कारी कर गया
वो गहरा दाग न छूटे माहिया रे
तेरा दाग न छूटे माहिया
नैनों में सपना जल गया हाँ
मेरा दाग लगा जी सो लगा
ये मैला दाग न छूटे माहिया रे
तेरा दाग न छूटे माहिया
उन गलियों की चौबारों की, उस मिट्टी की वो यादें
अक्सर आँखें कर जाती हैं, उन तस्वीरों से बातें
यादों की इन लहरों को, चाहूँ मिल जाए ठिकाना
ये कागज़ वाली कश्तियाँ, चाहूँ मैं पार लगाना
पर दिल डरता है फिर से कहीं सावन आये ना
दाग न छूटे माहिया...
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