Movie/ Album: काला बाज़ार (1960)
Music By: सचिन देव बर्मन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: गीता दत्त, सुधा मल्होत्रा
ना मैं धन चाहूँ, ना रतन चाहूँ
तेरे चरणों की धूल मिल जाए
तो मैं तर जाऊँ
श्याम तर जाऊँ, हे राम तर जाऊँ
मोह मन मोहे, लोभ ललचाए
कैसे-कैसे ये नाग लहराए
इससे पहले कि दिल उधर जाए
मैं तो मर जाऊँ, क्यूँ न मर जाऊँ
न मैं धन चाहूँ...
लाए क्या थे, जो ले के जाना है
नेक दिल ही तेरा ख़ज़ाना है
साँझ होते ही पंछी आ जाए
अब तो घर जाऊँ, अपने घर जाऊँ
तेरे चरणों की धूल...
थम गया पानी, जम गई काई
बहती नदियाँ ही साफ़ कहलाई
मेरे दिल ने ही जाल फैलाई
अब किधर जाऊँ, मैं किधर जाऊँ
अब किधर जाऊँ...
Music By: सचिन देव बर्मन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: गीता दत्त, सुधा मल्होत्रा
ना मैं धन चाहूँ, ना रतन चाहूँ
तेरे चरणों की धूल मिल जाए
तो मैं तर जाऊँ
श्याम तर जाऊँ, हे राम तर जाऊँ
मोह मन मोहे, लोभ ललचाए
कैसे-कैसे ये नाग लहराए
इससे पहले कि दिल उधर जाए
मैं तो मर जाऊँ, क्यूँ न मर जाऊँ
न मैं धन चाहूँ...
लाए क्या थे, जो ले के जाना है
नेक दिल ही तेरा ख़ज़ाना है
साँझ होते ही पंछी आ जाए
अब तो घर जाऊँ, अपने घर जाऊँ
तेरे चरणों की धूल...
थम गया पानी, जम गई काई
बहती नदियाँ ही साफ़ कहलाई
मेरे दिल ने ही जाल फैलाई
अब किधर जाऊँ, मैं किधर जाऊँ
अब किधर जाऊँ...
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