Movie/Album: समाधि (1972)
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: लता मंगेशकर
बंगले के पीछे, तेरी बेरी के नीचे
हाय रे पिया, आहा रे पिया
काँटा लगा, हाय लगा
हाँ आजा, हाँ राजा
बंगले के पीछे...
बिंदिया छिपाये रे लाली चुनर
ओढ़ के मूंद के मुखड़ा अपना
निकली अँधेरे में दुनिया के डर से मैं सजना
रात बैरन हुई. ओ रे साथिया
देख हालत मेरी, आ लेकर दिया
बंगले के पीछे...
आई मुसीबत तो अब सोचती हूँ
मैं क्यूँ रह सकी ना तेरे बिन
सच ही तो कहती थी सखियाँ फँसेगी तू एक दिन
भूल तो हो गई. जो किया सो किया
तू बचा ले बलम, आज मेरा जिया
बंगले के पीछे...
सबको पुकारे अनाड़ी न समझे
ये मिलने का सारा जतन है
कैसे बताऊँ ये चाहत की सैय्याँ चुभन है
ये वो काँटा सजन, जाए लेकर जिया
नैन सुई लगे तो निकले पिया
बंगले के पीछे...
Music By: आर.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: लता मंगेशकर
बंगले के पीछे, तेरी बेरी के नीचे
हाय रे पिया, आहा रे पिया
काँटा लगा, हाय लगा
हाँ आजा, हाँ राजा
बंगले के पीछे...
बिंदिया छिपाये रे लाली चुनर
ओढ़ के मूंद के मुखड़ा अपना
निकली अँधेरे में दुनिया के डर से मैं सजना
रात बैरन हुई. ओ रे साथिया
देख हालत मेरी, आ लेकर दिया
बंगले के पीछे...
आई मुसीबत तो अब सोचती हूँ
मैं क्यूँ रह सकी ना तेरे बिन
सच ही तो कहती थी सखियाँ फँसेगी तू एक दिन
भूल तो हो गई. जो किया सो किया
तू बचा ले बलम, आज मेरा जिया
बंगले के पीछे...
सबको पुकारे अनाड़ी न समझे
ये मिलने का सारा जतन है
कैसे बताऊँ ये चाहत की सैय्याँ चुभन है
ये वो काँटा सजन, जाए लेकर जिया
नैन सुई लगे तो निकले पिया
बंगले के पीछे...
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