Movie/Album: रंग रसिया (2014)
Music By: सन्देश शांडिल्य
Lyrics By: मनोज मुन्तशिर
Performed By: सुनिधि चौहान, रूप कुमार राठौर
काहे सताये रे पिया
पीर ना जाने छलिया रे
नैना है पान, भवें कमान
चित चोर लटें, जब मुख से हटें
छलके है रूप छल-छल-छल
इक टीस उठे है पल-पल,
पग-पग पे राग जाये है जाग
झनकाये तू जो पायल
मधुमास भरा मोरा अंग-अंग
मोरे रोम-रोम से छलके रंग
झंकार उठे है कुछ ऐसी
जैसे ताल मिले सरगम के संग
आज लगन है एक ही मन में
मतवारी हो जाऊँ
कण-कण तुझको सौंप के साजन
मैं खाली हो जाऊँ
हो काहे सताये रे पिया...
बाहर भीतर हर अंतर
पल भर को ढह जाये
हो ऐसा मिलन तन राख बने
बस मन बाकी रह जाये
बूंद-बूंद पी जाऊँ सजनी
तेरे तन का रंग निराला
रच दूँ ऐसा चित्र मिलन का
जाग उठे जग रचने वाला
काहे सताये रे पिया...
Music By: सन्देश शांडिल्य
Lyrics By: मनोज मुन्तशिर
Performed By: सुनिधि चौहान, रूप कुमार राठौर
काहे सताये रे पिया
पीर ना जाने छलिया रे
नैना है पान, भवें कमान
चित चोर लटें, जब मुख से हटें
छलके है रूप छल-छल-छल
इक टीस उठे है पल-पल,
पग-पग पे राग जाये है जाग
झनकाये तू जो पायल
मधुमास भरा मोरा अंग-अंग
मोरे रोम-रोम से छलके रंग
झंकार उठे है कुछ ऐसी
जैसे ताल मिले सरगम के संग
आज लगन है एक ही मन में
मतवारी हो जाऊँ
कण-कण तुझको सौंप के साजन
मैं खाली हो जाऊँ
हो काहे सताये रे पिया...
बाहर भीतर हर अंतर
पल भर को ढह जाये
हो ऐसा मिलन तन राख बने
बस मन बाकी रह जाये
बूंद-बूंद पी जाऊँ सजनी
तेरे तन का रंग निराला
रच दूँ ऐसा चित्र मिलन का
जाग उठे जग रचने वाला
काहे सताये रे पिया...
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