Movie/Album: सबसे बड़ा खिलाड़ी (1995)
Music By: राजेश रोशन
Lyrics By: देव कोहली
Performed By: कुमार सानू
हर दिल में है रब बसता
सबसे बड़ा खिलाड़ी वो है
तरह-तरह के खेल है रचता
हर दिल में है रब...
खोल के आँखें देख ले भैया
ये दुनिया है गोरख धंधा
जैसा करेगा भरेगा वैसा
सर पे लटक रहा है फंदा
बे-आवाज़ है लाठी उसकी
जिसकी मार से कोई ना बचता
हर दिल में है रब...
कहीं पे दंगा कहीं पे झगड़े
एक जान के सौ हैं लफड़े
मन का मैल कोई नहीं धोता
सिर्फ यहाँ धुलते हैं कपड़े
चेहरों पर मुस्कान सजी है
सच्ची हँसी कोई नहीं हँसता
हर दिल में रब...
दोनों हाथ थे खाली तेरे
जब दुनिया में तू आया था
जो पाया सब यहीं पे पाया
बोल क्या अपने संग लाया था
मोह माया के जाल में फँस कर
कभी तू रोता, कभी तू हँसता
हर दिल में रब...
Music By: राजेश रोशन
Lyrics By: देव कोहली
Performed By: कुमार सानू
हर दिल में है रब बसता
सबसे बड़ा खिलाड़ी वो है
तरह-तरह के खेल है रचता
हर दिल में है रब...
खोल के आँखें देख ले भैया
ये दुनिया है गोरख धंधा
जैसा करेगा भरेगा वैसा
सर पे लटक रहा है फंदा
बे-आवाज़ है लाठी उसकी
जिसकी मार से कोई ना बचता
हर दिल में है रब...
कहीं पे दंगा कहीं पे झगड़े
एक जान के सौ हैं लफड़े
मन का मैल कोई नहीं धोता
सिर्फ यहाँ धुलते हैं कपड़े
चेहरों पर मुस्कान सजी है
सच्ची हँसी कोई नहीं हँसता
हर दिल में रब...
दोनों हाथ थे खाली तेरे
जब दुनिया में तू आया था
जो पाया सब यहीं पे पाया
बोल क्या अपने संग लाया था
मोह माया के जाल में फँस कर
कभी तू रोता, कभी तू हँसता
हर दिल में रब...
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