Movie/Album: आप की परछाईयाँ (1964)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: राजा मेहदी अली खान
Performed By: मोहम्मद रफ़ी
मैं निगाहें तेरे चेहरे से हटाऊँ कैसे
लुट गए होश तो फिर होश में आऊँ कैसे
मैं निगाहें तेरे चेहरे से...
छा रही थी तेरी महकी हुई ज़ुल्फ़ों की घटा
तेरी आँखों ने पिला दी तो मैं पीता ही गया
तौबा तौबा, तौबा तौबा, तौबा तौबा
वो नशा है के बताऊँ कैसे
मैं निगाहें
मेरी आँखों में गिले-शिकवे हैं और प्यार भी है
आरज़ुएँ भी हैं और हसरत-ए-दीदार भी
इतने तूफां मैं आँखों में छुपाऊँ कैसे
मैं निगाहें
शोख़ नज़रें ये शरारत से न बाज़ आएँगी
कभी रूठेंगी कभी मिल के पलट जाएँगी
तुझसे निभ जाएगी, मैं इनसे निभाऊँ कैसे
मैं निगाहें तेरे चेहरे से...
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: राजा मेहदी अली खान
Performed By: मोहम्मद रफ़ी
मैं निगाहें तेरे चेहरे से हटाऊँ कैसे
लुट गए होश तो फिर होश में आऊँ कैसे
मैं निगाहें तेरे चेहरे से...
छा रही थी तेरी महकी हुई ज़ुल्फ़ों की घटा
तेरी आँखों ने पिला दी तो मैं पीता ही गया
तौबा तौबा, तौबा तौबा, तौबा तौबा
वो नशा है के बताऊँ कैसे
मैं निगाहें
मेरी आँखों में गिले-शिकवे हैं और प्यार भी है
आरज़ुएँ भी हैं और हसरत-ए-दीदार भी
इतने तूफां मैं आँखों में छुपाऊँ कैसे
मैं निगाहें
शोख़ नज़रें ये शरारत से न बाज़ आएँगी
कभी रूठेंगी कभी मिल के पलट जाएँगी
तुझसे निभ जाएगी, मैं इनसे निभाऊँ कैसे
मैं निगाहें तेरे चेहरे से...
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