Music By: अनु मलिक
Lyrics By: कैफ़ी आज़मी
Performed By: कुमार सानू, अनु मलिक
आने वाला कल इक सपना है
गुज़रा हुआ कल बस अपना है
हम गुज़रे कल में रहते हैं
यादों के सब जुगनू जंगल में रहते हैं
आने वाला कल...
दामन सी सकते हैं जो
ज़ख्मों को सीना जानते हो
जीना उनका जीना जो
यादों में जीना जानते हो
जिन तारों को रातों में
उठ-उठ के गगन में ढूंढते हो
जिन कलियों को, फूलों को
जा-जा के चमन में ढूंढते हो
वो फूल वो कलियाँ वो तारे आँचल में रहते हैं
हम प्यार की बिजली ले कर बादल में रहते हैं
आने वाला कल...
मेरे तन-मन के अरमाँ
अपने तन-मन से पूछो
इनकी छुन-छुन का मतलब
दिल की धड़कन से पूछो
दुनिया सारे ज़माने ले ले
दौलत ले ले, खज़ाने ले ले
लूट सके ना जिसको ज़माना
हमको एक पल ऐसा दे दे
प्यार के रंगीन मौसम सब जिस पल में रहते हैं
वक्त के सच्चे नगमें जिस पल में रहते हैं
आने वाला कल...
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