छुप छुप के - Chup Chup Ke (Mahalakshmi Iyer, Sonu Nigam, Bunty Aur Babli)

Movie/Album: बंटी और बबली (2005)
Music By: शंकर-एहसान-लॉय
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: महालक्ष्मी अययर, सोनू निगम

देखना मेरे सर से
आसमाँ उड़ गया है
देखना आसमाँ के
सिरे खुल गये हैं ज़मीं से
चुप-चुप के, छुप-छुप के, चोरी से चोरी
चुप-चुप के, छुप-छुप के रे

देखना क्या हुआ
ये ज़मीं बह रही है
देखना पानियों में
ज़मीं घुल रही है कहीं से
देखना आसमाँ...
छुप छुप के...

होश में मैंं नहीं, ये गशी भी नहीं
इस सदी में कभी, ये हुआ ही नहीं
जिस्म घुलने लगा, रूह गलने लगी
पाँव रुकने लगने ,राह चलने लगी
आसमाँ बादलों पर करवटें ले रहा है
देखना आसमाँ ही बरसने लगे ना ज़मीन
ये ज़मीं पानियों में डुबकियाँ ले रही है
देखना उठ के पैरों पे चलने लगे ना कहीं पे
छुप छुप के...

तुम कहो तो रुकें, तुम कहो तो चलें
ये जुनूँ है अगर, तो जुनूँ सोच लें
तुम कहो तो रुकें, तुम कहो तो चलें
मुझको पहचानती, है कहाँ मंज़िले
देखना मेरे सर से...
छुप छुप के...

बंटी की बबली और बबली का बंटी
बंटी की बबली हुई

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