Movie/Album: दीवार (1975)
Music By: राहुल देव बर्मन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मन्ना डे
दीवारों का जंगल जिसका
आबादी है नाम
बाहर से चुप-चुप लगता है
अंदर है कोहराम
दीवारों के इस जंगल में
भटक रहे इंसान
अपने-अपने उलझें
दामन झटक रहे इंसान
अपनी विपदा छोड़ के
आए कौन किसी के काम
बाहर से चुप-चुप...
सीने खाली आँखें सूनी
चेहरों पर हैरानी
जितने घने हंगामे इसमें
उतनी घनी वीरानी
रातें कातिल, सुबहें मुजरिम
मुल्ज़िम है हर शाम
बाहर से चुप-चुप...
Music By: राहुल देव बर्मन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: मन्ना डे
दीवारों का जंगल जिसका
आबादी है नाम
बाहर से चुप-चुप लगता है
अंदर है कोहराम
दीवारों के इस जंगल में
भटक रहे इंसान
अपने-अपने उलझें
दामन झटक रहे इंसान
अपनी विपदा छोड़ के
आए कौन किसी के काम
बाहर से चुप-चुप...
सीने खाली आँखें सूनी
चेहरों पर हैरानी
जितने घने हंगामे इसमें
उतनी घनी वीरानी
रातें कातिल, सुबहें मुजरिम
मुल्ज़िम है हर शाम
बाहर से चुप-चुप...
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