Movie/Album: गोल माल (1979)
Music By: राहुल देव बर्मन
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: लता मंगेशकर
एक बात कहूँ गर मानो तुम
सपनों में न आना जानो तुम
मैं नींद में उठकर चलती हूँ
जब देखती हूँ सच मानो तुम
कल भी हुआ के तुम, गुज़रे थे पास से
थोड़े से अनमने, थोड़े उदास थे
भागी थी मनाने नींद में लेकिन
सोफे से गिर पड़ी
एक बात कहूँ गर..
परसों की बात है, तुमने बुलाया था
तुम्हारे हाथ में चेहरा छुपाया था
चूमा था हाथ को नींद में लेकिन
पाया पलंग का था
एक बात कहूँ गर...
उस दिन भी रात को, तुम ख्वाब में मिले
और खामखां के बस करते रहे गिले
काश ये नींद और ख्वाब के यूँ ही
चलते रहे सिलसिले
एक बात कहूँ गर...
Music By: राहुल देव बर्मन
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: लता मंगेशकर
एक बात कहूँ गर मानो तुम
सपनों में न आना जानो तुम
मैं नींद में उठकर चलती हूँ
जब देखती हूँ सच मानो तुम
कल भी हुआ के तुम, गुज़रे थे पास से
थोड़े से अनमने, थोड़े उदास थे
भागी थी मनाने नींद में लेकिन
सोफे से गिर पड़ी
एक बात कहूँ गर..
परसों की बात है, तुमने बुलाया था
तुम्हारे हाथ में चेहरा छुपाया था
चूमा था हाथ को नींद में लेकिन
पाया पलंग का था
एक बात कहूँ गर...
उस दिन भी रात को, तुम ख्वाब में मिले
और खामखां के बस करते रहे गिले
काश ये नींद और ख्वाब के यूँ ही
चलते रहे सिलसिले
एक बात कहूँ गर...
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