Movie/Album: मरासिम (2000)
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: जगजीत सिंह
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आपकी कमी सी है
शाम से आँख में...
दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले
नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है
आज फिर आपकी कमी सी है
वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर
इसकी आदत भी आदमी सी है
आज फिर आपकी कमी सी है
कोई रिश्ता नहीं रहा फिर भी
एक तसलीम लाज़मी सी है
शाम से आँख में नमी...
Music By: जगजीत सिंह
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: जगजीत सिंह
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आपकी कमी सी है
शाम से आँख में...
दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले
नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है
आज फिर आपकी कमी सी है
वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर
इसकी आदत भी आदमी सी है
आज फिर आपकी कमी सी है
कोई रिश्ता नहीं रहा फिर भी
एक तसलीम लाज़मी सी है
शाम से आँख में नमी...
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...