Movie/Album: जनम जनम के फेरे (1957)
Music By: श्रीनाथ त्रिपाठी
Lyrics By: भरत व्यास
Performed By: मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर
ज़रा सामने तो आओ छलिये
छुप-छुप छलने में क्या राज़ है
यूँ छुप न सकेगा परमात्मा
मेरी आत्मा की ये आवाज़ है
ज़रा सामने....
हम तुम्हें चाहे तुम नहीं चाहो
ऐसा कभी न हो सकता
पिता अपने बालक से बिछड़ के
सुख से कभी न सो सकता
हमें डरने की जग में क्या बात है
जब हाथ में तिहारे मेरी लाज है
यूँ छुप न सकेगा...
प्रेम की है ये आग सजन जो
इधर उठे और उधर लगे
प्यार का है ये तार पिया जो
इधर सजे और उधर बजे
तेरी प्रीत पे बड़ा हमें नाज़ है
मेरे सर का तू ही रे सरताज है
यूँ छुप न सकेगा...
Music By: श्रीनाथ त्रिपाठी
Lyrics By: भरत व्यास
Performed By: मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर
ज़रा सामने तो आओ छलिये
छुप-छुप छलने में क्या राज़ है
यूँ छुप न सकेगा परमात्मा
मेरी आत्मा की ये आवाज़ है
ज़रा सामने....
हम तुम्हें चाहे तुम नहीं चाहो
ऐसा कभी न हो सकता
पिता अपने बालक से बिछड़ के
सुख से कभी न सो सकता
हमें डरने की जग में क्या बात है
जब हाथ में तिहारे मेरी लाज है
यूँ छुप न सकेगा...
प्रेम की है ये आग सजन जो
इधर उठे और उधर लगे
प्यार का है ये तार पिया जो
इधर सजे और उधर बजे
तेरी प्रीत पे बड़ा हमें नाज़ है
मेरे सर का तू ही रे सरताज है
यूँ छुप न सकेगा...
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