Movie/Album: ज़िन्दगी (1964)
Music By: शंकर-जयकिशन
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By: लता मंगेशकर, आशा भोंसले
छूने न दूँगी मैं हाथ रे
नजरियों से दिल भर दूँगी
बैठी रहूँगी सारी रात रे
नजरियों से दिल भर दूँगी
छूने न दूँगी मैं हाथ...
दिल की हसरत न कभी दिल से निकलने दूँगी
प्यार का कोई भी जादू को न चलने दूँगी
इश्क़ की आग बड़ी तेज़ है हमने माना
दिल के मोती को मैं हरगिज़ न पिघलने दूँगी
होती रहेगी मुलाकात रे
नजरियों से दिल...
मैं तुम्हारी हूँ, मुझे पास बुलाकर देखो
मेरी राहों में ज़रा, खुद को मिटा कर देखो
अपने दामन पे कोई आँच न आने दूँगी
चाहे हर दिन मुझे पहलू में बिठाकर देखो
आगे बढ़ना कोई बात रे
नजरियों से दिल...
मेरी महफ़िल में ये मस्ताने चले आते हैं
छोड़ कर शम्मा को परवाने चले आते हैं
मैं वो बाग़ी हूँ जिसे कोई न जी पाया अब तक
खेलने फिर भी ये दीवाने चले आते हैं
खाएँगे ये सब मात रे
नजरियों से दिल...
Music By: शंकर-जयकिशन
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By: लता मंगेशकर, आशा भोंसले
छूने न दूँगी मैं हाथ रे
नजरियों से दिल भर दूँगी
बैठी रहूँगी सारी रात रे
नजरियों से दिल भर दूँगी
छूने न दूँगी मैं हाथ...
दिल की हसरत न कभी दिल से निकलने दूँगी
प्यार का कोई भी जादू को न चलने दूँगी
इश्क़ की आग बड़ी तेज़ है हमने माना
दिल के मोती को मैं हरगिज़ न पिघलने दूँगी
होती रहेगी मुलाकात रे
नजरियों से दिल...
मैं तुम्हारी हूँ, मुझे पास बुलाकर देखो
मेरी राहों में ज़रा, खुद को मिटा कर देखो
अपने दामन पे कोई आँच न आने दूँगी
चाहे हर दिन मुझे पहलू में बिठाकर देखो
आगे बढ़ना कोई बात रे
नजरियों से दिल...
मेरी महफ़िल में ये मस्ताने चले आते हैं
छोड़ कर शम्मा को परवाने चले आते हैं
मैं वो बाग़ी हूँ जिसे कोई न जी पाया अब तक
खेलने फिर भी ये दीवाने चले आते हैं
खाएँगे ये सब मात रे
नजरियों से दिल...
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