Movie/Album: दम मारो दम (2011)
Music By: प्रीतम चक्रवर्ती
Lyrics By: जयदीप साहनी
Performed By: ज़ूबीन गर्ग
जाना है बादल से दूर, छाया है पागल सुरूर
राहें भी बेचैन हैं, बेपनाह ये नैन हैं
हो नैना जागे-जागे, हो चैना दागे-दागे
तो मुस्कुरा के बोलना कल को सो लेंगे
हो मंज़िले मीलों आगे, जो दिल को बोझल लागे
तो मुस्कुरा के बोलना कल को रो लेंगे
कहती हाँ ये महफ़िल जो कहानी फुसफुसाके
कहकहो न यूँ उड़ा के, मुँह जुबानी ही बना के
रोकेगी, वो तुझे
होगा कुछ न हासिल, हिम्मतों से ज़लजलों से
दिल जलो के चोंचलों से, चार पल के बुलबुलों से
टोकेगी, वो तुझे
जाना है बादल से दूर...
हर पल इम्तिहान है, इब्तिदा है, इन्तिहाँ है
फासलों का काफ़िला है, रौशनी ना दरमियाँ है
दूर है, दूर है
मंजिल देखती हैं, तेरा मंजर मुस्कुरा के
देख नज़रें तो उठा के, है बुलाता छमछमाके
नूर है, नूर है
जाना है बादल से दूर...
Music By: प्रीतम चक्रवर्ती
Lyrics By: जयदीप साहनी
Performed By: ज़ूबीन गर्ग
जाना है बादल से दूर, छाया है पागल सुरूर
राहें भी बेचैन हैं, बेपनाह ये नैन हैं
हो नैना जागे-जागे, हो चैना दागे-दागे
तो मुस्कुरा के बोलना कल को सो लेंगे
हो मंज़िले मीलों आगे, जो दिल को बोझल लागे
तो मुस्कुरा के बोलना कल को रो लेंगे
कहती हाँ ये महफ़िल जो कहानी फुसफुसाके
कहकहो न यूँ उड़ा के, मुँह जुबानी ही बना के
रोकेगी, वो तुझे
होगा कुछ न हासिल, हिम्मतों से ज़लजलों से
दिल जलो के चोंचलों से, चार पल के बुलबुलों से
टोकेगी, वो तुझे
जाना है बादल से दूर...
हर पल इम्तिहान है, इब्तिदा है, इन्तिहाँ है
फासलों का काफ़िला है, रौशनी ना दरमियाँ है
दूर है, दूर है
मंजिल देखती हैं, तेरा मंजर मुस्कुरा के
देख नज़रें तो उठा के, है बुलाता छमछमाके
नूर है, नूर है
जाना है बादल से दूर...
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