Movie/Album: हँसी तो फँसी (2014)
Music By: विशाल-शेखर
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: शफ़कत अमानत अली, नुपुर पंत
कभी गर्दिशों का मारा, कभी ख्वाहिशों से हारा
रूठे चाँद का है चकोर
ज़रा से भी समझौते से, ये परहेज रखता है क्यूँ
माने ना कभी कोई ज़ोर
दुनिया जहां की बन्दिशों की ये कहाँ परवाह करे
जब, खींचे तेरी डोर, खींचें तेरी डोर
मनचला, मन चला तेरी ओर
खामोशियों की सूरतों में
ढूँढे तेरा शोर, ढूँढे तेरा शोर
मनचला, मन चला तेरी ओर...
रूखी-सूखी दिल की है ज़मीं
जाने कहाँ गुम हुई नमी
मेरी उम्मीद है तेरी बारिशें
ये सहे कई बार प्यार के
तुझे हर बार हार के
सीखे फिर भी कभी नहीं साज़िशें
तेरे लिए आज खुद से ही भागे हैं
हिम्मत के टुकड़े बटोर
हो भागे ज़माने से छुप के दबे पाँव
जैसे कोई चोर, जैसे कोई चोर
मनचला मन चला...
Music By: विशाल-शेखर
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: शफ़कत अमानत अली, नुपुर पंत
कभी गर्दिशों का मारा, कभी ख्वाहिशों से हारा
रूठे चाँद का है चकोर
ज़रा से भी समझौते से, ये परहेज रखता है क्यूँ
माने ना कभी कोई ज़ोर
दुनिया जहां की बन्दिशों की ये कहाँ परवाह करे
जब, खींचे तेरी डोर, खींचें तेरी डोर
मनचला, मन चला तेरी ओर
खामोशियों की सूरतों में
ढूँढे तेरा शोर, ढूँढे तेरा शोर
मनचला, मन चला तेरी ओर...
रूखी-सूखी दिल की है ज़मीं
जाने कहाँ गुम हुई नमी
मेरी उम्मीद है तेरी बारिशें
ये सहे कई बार प्यार के
तुझे हर बार हार के
सीखे फिर भी कभी नहीं साज़िशें
तेरे लिए आज खुद से ही भागे हैं
हिम्मत के टुकड़े बटोर
हो भागे ज़माने से छुप के दबे पाँव
जैसे कोई चोर, जैसे कोई चोर
मनचला मन चला...
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