Movie/Album: शानदार (2015)
Music By: अमित त्रिवेदी
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: दिव्या कुमार
शाम ढले तक चंगा थ, शादी घर सतरंगा था
फिर दारू की इम्पोर्टेड बोतल का ढक्कन खुल गया
कि रायता फैल गया, कि रायता फैल गया
हंगामा हो गया, हंगामा हो गया...
बन्ना अपना ऐंठा था, सिंहासन पर बैठा था
बन्ना अपना ऐंठा ऐंठा, सिंहासन पे बैठा बैठा था
अरे दो बूंदें अंदर जाते ही टेबल पर चढ़ गया
कि रायता फैल गया...
महंगे वेलवेट का, कालीन सजा के
लाखों बल्बों का झूमर फ़िट करवा कर के
अंगरेजी डीजे, स्पीकर मँगवा के
स्पीकर के नीचे वूफ़र सेट लगवा के
दिल तहजीब दिखा रहा था
गीत सुहाने गा रहा था
गुलज़ार के गीतों में जब, यो यो हनी सिंह घुस गया
तो रायता फैल गया, तो रायता फैल गया...
Music By: अमित त्रिवेदी
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: दिव्या कुमार
शाम ढले तक चंगा थ, शादी घर सतरंगा था
फिर दारू की इम्पोर्टेड बोतल का ढक्कन खुल गया
कि रायता फैल गया, कि रायता फैल गया
हंगामा हो गया, हंगामा हो गया...
बन्ना अपना ऐंठा था, सिंहासन पर बैठा था
बन्ना अपना ऐंठा ऐंठा, सिंहासन पे बैठा बैठा था
अरे दो बूंदें अंदर जाते ही टेबल पर चढ़ गया
कि रायता फैल गया...
महंगे वेलवेट का, कालीन सजा के
लाखों बल्बों का झूमर फ़िट करवा कर के
अंगरेजी डीजे, स्पीकर मँगवा के
स्पीकर के नीचे वूफ़र सेट लगवा के
दिल तहजीब दिखा रहा था
गीत सुहाने गा रहा था
गुलज़ार के गीतों में जब, यो यो हनी सिंह घुस गया
तो रायता फैल गया, तो रायता फैल गया...
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