Movie/Album: ज़िद्दी (1964)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By: मोहम्मद रफ़ी
तेरी सूरत से नहीं मिलती किसी की सूरत
हम जहां में तेरी तस्वीर लिए फिरते हैं
तेरी सूरत से नहीं मिलती...
ख़ूब चेहरा है तेरा दोनों जहां हैं पागल
सामने तेरे है फीका वो हसीं ताजमहल
तेरी ज़ुल्फ़ों ने सनम दिल मेरा बाँध लिया
तूने ऐ जान-ए-सितम प्यार का जाम दिया
ज़ुल्फ़ की हम जवाँ ज़ंजीर लिए फिरते हैं
तेरी सूरत से नहीं मिलती...
ये तो दुनिया है यहाँ एक नहीं लाख हसीं
जो अदा देखी है तुझमें, वो किसी में भी नहीं
सामना तेरा जब होगा तो क़यामत भी होगी
आँख जब तुझसे मिलेगी तो मोहब्बत भी होगी
प्यार की हम अजब तासीर लिए फिरते हैं
तेरी सूरत से नहीं मिलती...
चाँदनी रात भी ज़ालिम तेरी परछाई है
और सूरज ने तेरे गालों से चमक पाई है
गर तुझे देख ले कश्मीर तो शरमा जाए
और फ़रिश्ता जो अगर देख ले ललचा जाए
हम नए रंग की इक हीर लिए फिरते हैं
तेरी सूरत से नहीं मिलती...
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: हसरत जयपुरी
Performed By: मोहम्मद रफ़ी
तेरी सूरत से नहीं मिलती किसी की सूरत
हम जहां में तेरी तस्वीर लिए फिरते हैं
तेरी सूरत से नहीं मिलती...
ख़ूब चेहरा है तेरा दोनों जहां हैं पागल
सामने तेरे है फीका वो हसीं ताजमहल
तेरी ज़ुल्फ़ों ने सनम दिल मेरा बाँध लिया
तूने ऐ जान-ए-सितम प्यार का जाम दिया
ज़ुल्फ़ की हम जवाँ ज़ंजीर लिए फिरते हैं
तेरी सूरत से नहीं मिलती...
ये तो दुनिया है यहाँ एक नहीं लाख हसीं
जो अदा देखी है तुझमें, वो किसी में भी नहीं
सामना तेरा जब होगा तो क़यामत भी होगी
आँख जब तुझसे मिलेगी तो मोहब्बत भी होगी
प्यार की हम अजब तासीर लिए फिरते हैं
तेरी सूरत से नहीं मिलती...
चाँदनी रात भी ज़ालिम तेरी परछाई है
और सूरज ने तेरे गालों से चमक पाई है
गर तुझे देख ले कश्मीर तो शरमा जाए
और फ़रिश्ता जो अगर देख ले ललचा जाए
हम नए रंग की इक हीर लिए फिरते हैं
तेरी सूरत से नहीं मिलती...
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