Movie/Album: घर संसार (1958)
Music By: रवि
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: आशा भोंसले, मन्ना डे
ये हवा, ये नदी का किनारा
चाँद तारों का रंगीं इशारा
कह रहा है बेख़बर
हो सके तो प्यार कर
ये समां मिलेगा फिर न दोबारा
ये हवा, ये नदी का किनारा...
ये रात ढलने न पाये, होने न पाये सवेरा
तू भी उठा लंबी पलकें, जुल्फों को मैंने बिखेरा
यूँ ही चंदा तले, मेरी नैय्या चले
तेरी बाहों का ले के सहारा
ये हवा, ये नदी का किनारा...
आजा पिया प्यारी हैं रातें
गोरी आजा कर लें दो बातें
ऐसे मिले आज सैय्याँ, तेरी नज़र मेरी आँखें
धड़कन मेरी तेरा दिल हो, लब हो मेरे, तेरी बातें
डरे काहे को दिल सजना खुल के मिल
क्या करेगा ज़माना हमारा
डरे काहे को दिल गोरी आ खुल के मिल
क्या करेगा ज़माना हमारा
ये हवा, ये नदी का किनारा...
Music By: रवि
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: आशा भोंसले, मन्ना डे
ये हवा, ये नदी का किनारा
चाँद तारों का रंगीं इशारा
कह रहा है बेख़बर
हो सके तो प्यार कर
ये समां मिलेगा फिर न दोबारा
ये हवा, ये नदी का किनारा...
ये रात ढलने न पाये, होने न पाये सवेरा
तू भी उठा लंबी पलकें, जुल्फों को मैंने बिखेरा
यूँ ही चंदा तले, मेरी नैय्या चले
तेरी बाहों का ले के सहारा
ये हवा, ये नदी का किनारा...
आजा पिया प्यारी हैं रातें
गोरी आजा कर लें दो बातें
ऐसे मिले आज सैय्याँ, तेरी नज़र मेरी आँखें
धड़कन मेरी तेरा दिल हो, लब हो मेरे, तेरी बातें
डरे काहे को दिल सजना खुल के मिल
क्या करेगा ज़माना हमारा
डरे काहे को दिल गोरी आ खुल के मिल
क्या करेगा ज़माना हमारा
ये हवा, ये नदी का किनारा...
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