Movie/Album: फ़िज़ा (2000)
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: अल्का याग्निक, उदित नारायण
माही माही रे माही माही रे
आजा माही मेरे, आजा माही मेरे आ
आ धूप मलूँ मैं तेरे हाथों में
आ सजदा करूँ मैं तेरे हाथों में
सुबह की मेहँदी छलक रही है आजा
आजा माहिया, हो आजा माहिया
आजा माहिया...
आजा माही मेरे, आजा माही मेरे आ
अहिस्ता पुकारो सब सुन लेंगे
बस लबों से छू लो लब सुन लेंगे
आँख भी कल से फड़क रही है आजा
आजा माहिया...
एक नूर से आँखें चौंक गयी
देखा जो तुझे आईने में
कोई नूर किरण होगी वो भी
जो चुभने लगी है सीने में
आ धूप मलूँ मैं...
लाल हो जब ये शाम किनारा
ओढ़ा देना सर पे सारा
चल रोक ले सूरज छुप जायेगा
पानी में गिर के बुझ जायेगा
अहिस्ता पुकारो...
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: अल्का याग्निक, उदित नारायण
माही माही रे माही माही रे
आजा माही मेरे, आजा माही मेरे आ
आ धूप मलूँ मैं तेरे हाथों में
आ सजदा करूँ मैं तेरे हाथों में
सुबह की मेहँदी छलक रही है आजा
आजा माहिया, हो आजा माहिया
आजा माहिया...
आजा माही मेरे, आजा माही मेरे आ
अहिस्ता पुकारो सब सुन लेंगे
बस लबों से छू लो लब सुन लेंगे
आँख भी कल से फड़क रही है आजा
आजा माहिया...
एक नूर से आँखें चौंक गयी
देखा जो तुझे आईने में
कोई नूर किरण होगी वो भी
जो चुभने लगी है सीने में
आ धूप मलूँ मैं...
लाल हो जब ये शाम किनारा
ओढ़ा देना सर पे सारा
चल रोक ले सूरज छुप जायेगा
पानी में गिर के बुझ जायेगा
अहिस्ता पुकारो...
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