Movie/Album: 1921 (2018)
Music By: हरीश सगने
Lyrics By: शकील आज़मी
Performed By: राहुल जैन
दिल से मिटा के हर फासला
मैं दिलरुबा तुझसे मिलने चला
बन जा मुहाफ़िज़ मेरे ख्वाब का
तू है फलक मेरे महताब का
मेरे अँधेरे, मेरे उजाले
सब कुछ है मेरा तेरे हवाले
ले के तू मुझको अपनी बाहों में चल
ऐ मेरे आनेवाले कल
ऐ मेरे आनेवाले कल
ऐ मेरे आनेवाले कल
ऐ मेरे आनेवाले कल
जोड़ी है मैंने तुझसे उम्मीदें
ले ले मुझे तू साथ में
बन के लकीरें क़िस्मत की मेरी
आजा तू मेरे हाथ में
बन जा मुहाफ़िज़...
ऐ मेरे आने वाले कल...
सबसे कटा हूँ, तुझमें बँटा हूँ
मेरी कहानी में है तू
मेरी हँसी में, मेरी ख़ुशी में
आँखों के पानी में है तू
बन जा मुहाफ़िज़...
ऐ मेरे आने वाले कल...
Music By: हरीश सगने
Lyrics By: शकील आज़मी
Performed By: राहुल जैन
दिल से मिटा के हर फासला
मैं दिलरुबा तुझसे मिलने चला
बन जा मुहाफ़िज़ मेरे ख्वाब का
तू है फलक मेरे महताब का
मेरे अँधेरे, मेरे उजाले
सब कुछ है मेरा तेरे हवाले
ले के तू मुझको अपनी बाहों में चल
ऐ मेरे आनेवाले कल
ऐ मेरे आनेवाले कल
ऐ मेरे आनेवाले कल
ऐ मेरे आनेवाले कल
जोड़ी है मैंने तुझसे उम्मीदें
ले ले मुझे तू साथ में
बन के लकीरें क़िस्मत की मेरी
आजा तू मेरे हाथ में
बन जा मुहाफ़िज़...
ऐ मेरे आने वाले कल...
सबसे कटा हूँ, तुझमें बँटा हूँ
मेरी कहानी में है तू
मेरी हँसी में, मेरी ख़ुशी में
आँखों के पानी में है तू
बन जा मुहाफ़िज़...
ऐ मेरे आने वाले कल...
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