Movie/Album: ब्लैकमेल (2018)
Music By: अमित त्रिवेदी
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: पावनी पांडेय
रामपूरी, एक चाकू, जिगर के पार गयी
सूमड़ी में, भोले बालम का बंटा धार कर गयी
गैर की बाहों में, रात काली कर गयी
और जाते जाते तेरी, तिजोरी खाली कर गयी
बेवफा ब्यूटी, आए हाए
इश्क़ में चीटिंग कर गयी
बेवफा ब्यूटी, आए हाए
इश्क़ में चीटिंग कर गयी
दिलरुबा झूठी, हाए हाए
इश्क़ में चीटिंग कर गयी
कुल मिला के सैयाँ जी के, अच्छे संस्कार थे
सजनिया के लक्षण लेकिन, थोड़े तड़ीपार थे
आदमी था, काम का तू, तुझे बेकार कर गयी
खामखा में, तुझे ब्लड प्रेशर का बीमार कर गयी
गैर की बाहों में...
तुझे इन गृहस्थी वाले, झमेलों में बांध के
गई दूसरे के घर मे, बाउंड्री वॉल फांद के
क्या वो पहले, से ही कम था, जैसा कांड कर गई
और ऊपर, से हरे नोटों की डिमांड कर गई
गैर की बाहों में...
Music By: अमित त्रिवेदी
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: पावनी पांडेय
रामपूरी, एक चाकू, जिगर के पार गयी
सूमड़ी में, भोले बालम का बंटा धार कर गयी
गैर की बाहों में, रात काली कर गयी
और जाते जाते तेरी, तिजोरी खाली कर गयी
बेवफा ब्यूटी, आए हाए
इश्क़ में चीटिंग कर गयी
बेवफा ब्यूटी, आए हाए
इश्क़ में चीटिंग कर गयी
दिलरुबा झूठी, हाए हाए
इश्क़ में चीटिंग कर गयी
कुल मिला के सैयाँ जी के, अच्छे संस्कार थे
सजनिया के लक्षण लेकिन, थोड़े तड़ीपार थे
आदमी था, काम का तू, तुझे बेकार कर गयी
खामखा में, तुझे ब्लड प्रेशर का बीमार कर गयी
गैर की बाहों में...
तुझे इन गृहस्थी वाले, झमेलों में बांध के
गई दूसरे के घर मे, बाउंड्री वॉल फांद के
क्या वो पहले, से ही कम था, जैसा कांड कर गई
और ऊपर, से हरे नोटों की डिमांड कर गई
गैर की बाहों में...
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