Movie/Album: मुल्क (2018)
Music By: प्रसाद साश्ते
Lyrics By: शकील आज़मी
Performed By: विशाल ददलानी
वतरहमना वक्तुबलेना वअला सेरातिम मुस्तकीम
वतरहमना वक्तुबलेना...
मुझे बख्श दे, मुझे बख्श दे
या मेरे गफूर-उर-रहीम
मैं रेज़ा-रेज़ा बिखर रहा हूँ
संभाल मुझे
अंधेरा मुझमें उतर रहा है
उजाल मुझे
मैं रेज़ा रेज़ा...
मैं खुद से बिछड़ गया हूँ
जैसे आग से धुआँ
ना ज़मीं ना आसमाँ है
ये मैं आ गया कहाँ
मुझे मेरा पता दे खुदारा
कोई रस्ता बता दे खुदारा
वतरहमना वक्तुबलेना...
आया कहाँ से इतना ज़हर लहू में
गंगा का पानी बहता था मेरे वज़ू में
जो दिखता है वो मेरा वजूद नहीं
आज मैं अपने आप में क्यों मौजूद नहीं
वो नहीं था जब हमारा
तो उसका ग़म है क्यों
दिल जल रहा है लेकिन
ये आँख नम है क्यों
मुझे मेरा पता दे...
ले ले मेरी साँसें, मुझको मर जाने दे
जाने कबसे बेघर हूँ, अब घर आने दे
काबे तक तुझे मैं सोचूँ, तेरा ख्याल करूँ
सामने आ मैं तुझसे, इक सवाल करूँ
मैं गलत हूँ या के दुनिया
या कहीं गलत है तू
मुझे दे जवाब मौला
मैं हूँ तेरे रूबरू
मुझे मेरा पता दे...
Music By: प्रसाद साश्ते
Lyrics By: शकील आज़मी
Performed By: विशाल ददलानी
वतरहमना वक्तुबलेना वअला सेरातिम मुस्तकीम
वतरहमना वक्तुबलेना...
मुझे बख्श दे, मुझे बख्श दे
या मेरे गफूर-उर-रहीम
मैं रेज़ा-रेज़ा बिखर रहा हूँ
संभाल मुझे
अंधेरा मुझमें उतर रहा है
उजाल मुझे
मैं रेज़ा रेज़ा...
मैं खुद से बिछड़ गया हूँ
जैसे आग से धुआँ
ना ज़मीं ना आसमाँ है
ये मैं आ गया कहाँ
मुझे मेरा पता दे खुदारा
कोई रस्ता बता दे खुदारा
वतरहमना वक्तुबलेना...
आया कहाँ से इतना ज़हर लहू में
गंगा का पानी बहता था मेरे वज़ू में
जो दिखता है वो मेरा वजूद नहीं
आज मैं अपने आप में क्यों मौजूद नहीं
वो नहीं था जब हमारा
तो उसका ग़म है क्यों
दिल जल रहा है लेकिन
ये आँख नम है क्यों
मुझे मेरा पता दे...
ले ले मेरी साँसें, मुझको मर जाने दे
जाने कबसे बेघर हूँ, अब घर आने दे
काबे तक तुझे मैं सोचूँ, तेरा ख्याल करूँ
सामने आ मैं तुझसे, इक सवाल करूँ
मैं गलत हूँ या के दुनिया
या कहीं गलत है तू
मुझे दे जवाब मौला
मैं हूँ तेरे रूबरू
मुझे मेरा पता दे...
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