Movie/Album: केसरी (2019)
Music By: आर्को प्रावो मुख़र्जी
Lyrics By: मनोज मुंतशिर
Performed By: बी प्राक, परिणीती चोपड़ा
बी प्राक
तलवारों पे सर वार दिए
अंगारों में जिस्म जलाया है
तब जा के कहीं हमने सर पे
ये केसरी रंग सजाया है
ऐ मेरी ज़मीं अफसोस नहीं
जो तेरे लिए सौ दर्द सहे
महफूज़ रहे तेरी आन सदा
चाहे जान मेरी ये रहे न रहे
ऐ मेरी ज़मीं महबूब मेरी
मेरी नस-नस में तेरा इश्क बहे
फीका ना पड़े कभी रंग तेरा
जिस्मों से निकल के खून कहे
तेरी मिट्टी में मिल जावाँ
गुल बणके मैं खिल जावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
तेरी नदियों में बह जावाँ
तेरे खेतों में लहरावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
सरसों से भरे खलिहान मेरे
जहाँ झूम के भंगड़ा पा न सका
आबाद रहे वो गाँव मेरा
जहाँ लौट के वापस जा न सका
ओ वतना वे, मेरे वतना वे
तेरा-मेरा प्यार निराला था
कुर्बान हुआ तेरी अस्मत पे
मैं कितना नसीबों वाला था
तेरी मिट्टी में मिल जावाँ...
केसरी...
ओ हीर मेरी तू हँसती रहे
तेरी आँख घड़ी भर नम ना हो
मैं मरता था जिस मुखड़े पे
कभी उसका उजाला कम ना हो
ओ माई मेरी क्या फिक्र तुझे
क्यूँ आँख से दरिया बहता है
तू कहती थी तेरा चाँद हूँ मैं
और चाँद हमेशा रहता है
तेरी मिट्टी में मिल जावाँ...
परिणीती चोपड़ा
ओ रान्झणा वे, तेरी साँसों पे
थोड़ा सा वतन का भी हक था
ना देख मुझे यूँ मुड़-मुड़ के
तेरा-मेरा साथ यहीं तक था
ये तेरी ज़मीं तेरे खून से ही
तो सजती सँवरती है रांझे
तेरे इश्क की मैं हक़दार नहीं
तेरी हीर तो धरती है रांझे
तेरी मिट्टी में मिल जावाँ
गुल बणके मैं खिल जावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
तेरी नदियों में बह जावाँ
तेरे खेतों (फसलों) में लहरावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
ऐ मेरी ज़मीं अफसोस नहीं...
Music By: आर्को प्रावो मुख़र्जी
Lyrics By: मनोज मुंतशिर
Performed By: बी प्राक, परिणीती चोपड़ा
बी प्राक
तलवारों पे सर वार दिए
अंगारों में जिस्म जलाया है
तब जा के कहीं हमने सर पे
ये केसरी रंग सजाया है
ऐ मेरी ज़मीं अफसोस नहीं
जो तेरे लिए सौ दर्द सहे
महफूज़ रहे तेरी आन सदा
चाहे जान मेरी ये रहे न रहे
ऐ मेरी ज़मीं महबूब मेरी
मेरी नस-नस में तेरा इश्क बहे
फीका ना पड़े कभी रंग तेरा
जिस्मों से निकल के खून कहे
तेरी मिट्टी में मिल जावाँ
गुल बणके मैं खिल जावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
तेरी नदियों में बह जावाँ
तेरे खेतों में लहरावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
सरसों से भरे खलिहान मेरे
जहाँ झूम के भंगड़ा पा न सका
आबाद रहे वो गाँव मेरा
जहाँ लौट के वापस जा न सका
ओ वतना वे, मेरे वतना वे
तेरा-मेरा प्यार निराला था
कुर्बान हुआ तेरी अस्मत पे
मैं कितना नसीबों वाला था
तेरी मिट्टी में मिल जावाँ...
केसरी...
ओ हीर मेरी तू हँसती रहे
तेरी आँख घड़ी भर नम ना हो
मैं मरता था जिस मुखड़े पे
कभी उसका उजाला कम ना हो
ओ माई मेरी क्या फिक्र तुझे
क्यूँ आँख से दरिया बहता है
तू कहती थी तेरा चाँद हूँ मैं
और चाँद हमेशा रहता है
तेरी मिट्टी में मिल जावाँ...
परिणीती चोपड़ा
ओ रान्झणा वे, तेरी साँसों पे
थोड़ा सा वतन का भी हक था
ना देख मुझे यूँ मुड़-मुड़ के
तेरा-मेरा साथ यहीं तक था
ये तेरी ज़मीं तेरे खून से ही
तो सजती सँवरती है रांझे
तेरे इश्क की मैं हक़दार नहीं
तेरी हीर तो धरती है रांझे
तेरी मिट्टी में मिल जावाँ
गुल बणके मैं खिल जावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
तेरी नदियों में बह जावाँ
तेरे खेतों (फसलों) में लहरावाँ
इतनी सी है दिल की आरज़ू
ऐ मेरी ज़मीं अफसोस नहीं...
Mujhe ye bahut achaa laga ki aapne iska lyrics post kiya
ReplyDeleteI love this song
ReplyDeleteI like this song so much....
ReplyDeleteAaradhya