Movie/Album: बंदिनी (1963)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: आशा भोंसले
अब के बरस भेज भैया को बाबुल
सावन ने लीजो बुलाय रे
लौटेंगी जब मेरे बचपन की सखियाँ
दीजो संदेसा भिजाय रे
अब के बरस भेज...
अम्बुवा तले फिर से झूले पड़ेंगे
रिमझिम पड़ेंगी फुहारें
लौटेंगी फिर तेरे आँगन में बाबुल
सावन की ठण्डी बहारें
छलके नयन मोरा, कसके रे जियरा
बचपन की जब याद आए रे
अब के बरस भेज...
बैरन जवानी ने छीने खिलौने
और मेरी गुड़िया चुराई
बाबुल की मैं तेरे नाज़ों की पाली
फिर क्यों हुई मैं पराई
बीते रे जुग कोई चिठिया न पाती
न कोई नैहर से आये रे
अब के बरस भेज...
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: आशा भोंसले
अब के बरस भेज भैया को बाबुल
सावन ने लीजो बुलाय रे
लौटेंगी जब मेरे बचपन की सखियाँ
दीजो संदेसा भिजाय रे
अब के बरस भेज...
अम्बुवा तले फिर से झूले पड़ेंगे
रिमझिम पड़ेंगी फुहारें
लौटेंगी फिर तेरे आँगन में बाबुल
सावन की ठण्डी बहारें
छलके नयन मोरा, कसके रे जियरा
बचपन की जब याद आए रे
अब के बरस भेज...
बैरन जवानी ने छीने खिलौने
और मेरी गुड़िया चुराई
बाबुल की मैं तेरे नाज़ों की पाली
फिर क्यों हुई मैं पराई
बीते रे जुग कोई चिठिया न पाती
न कोई नैहर से आये रे
अब के बरस भेज...
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...