बाबूजी ज़रा धीरे चलो - Babuji Zara Dhire Chalo (Sonu Kakkar, Sukhwinder Singh, Dum)

Movie/Album: दम (2003)
Music By: संदीप चौटा
Lyrics By: समीर
Performed By: सोनू कक्कड़, सुखविंदर सिंह

बाबूजी ज़रा धीरे चलो
बिजली खड़ी यहाँ बिजली खड़ी
नैनों में चिंगारियाँ
गोरा बदन शोलों की लड़ी
ओ गिरी गिरी गिरी गिरी बिजली गिरी
ओ इसपे गिरी, उसपे गिरी, लो गिर पड़ी
बाबूजी ज़रा धीरे...

नज़रों में प्यास, दिल में तलाश
होंठों में बंद नर्मी
चुनरी में दाग, सीने में आग
साँसों में कैद गर्मी
छूने से जल जाओगे
समझो ना खुलेगा फुलझड़ी
ओ गिरी गिरी...

ये तेरा रूप, सूरज का धूप
अंगार है जवानी
पैगाम साथ लाती है
तुझ में सुलगता पानी
ये मेरा रूप सूरज की धूप
अंगार है जवानी
कहती हूँ सांच, आती है आँच
मुझमे सुलगता पानी
मस्ती का है ये समां
आई बड़ी मुश्किल की घड़ी
ओ गिरी गिरी...

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