Movie/Album: द अनफर्गेटेबल्स (1977), दीदार-ए-यार (1982)
Music By: जगजीत सिंह, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
Lyrics By: अमीर मीनाई
Performed By: जगजीत सिंह, किशोर कुमार, लता मंगेशकर
सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब
आहिस्ता आहिस्ता
निकलता आ रहा है आफ़ताब
आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब
जवाँ होने लगे जब वो
तो हमसे कर लिया पर्दा
हया यकलख़्त आई और शबाब
आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब
शब-ए-फ़ुर्क़त का जागा हूँ
फ़रिश्तों अब तो सोने दो
कभी फ़ुर्सत में कर लेना हिसाब
आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब
सवाल-ए-वस्ल पर उनको
अदू का ख़ौफ़ है इतना
दबे होंठों से देते हैं जवाब
आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब
**हमारे और तुम्हारे प्यार में
बस फ़र्क़ है इतना
इधर तो जल्दी-जल्दी है
उधर आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब
वो बेदर्दी से सर काटे *मेरा /**अमीर
और मैं कहूँ उनसे
हुज़ूर आहिस्ता आहिस्ता
जनाब आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब...
* केवल "दीदार-ए-यार" में शामिल
** केवल "द अनफर्गेटेबल्स" में शामिल
Music By: जगजीत सिंह, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
Lyrics By: अमीर मीनाई
Performed By: जगजीत सिंह, किशोर कुमार, लता मंगेशकर
सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब
आहिस्ता आहिस्ता
निकलता आ रहा है आफ़ताब
आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब
जवाँ होने लगे जब वो
तो हमसे कर लिया पर्दा
हया यकलख़्त आई और शबाब
आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब
शब-ए-फ़ुर्क़त का जागा हूँ
फ़रिश्तों अब तो सोने दो
कभी फ़ुर्सत में कर लेना हिसाब
आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब
सवाल-ए-वस्ल पर उनको
अदू का ख़ौफ़ है इतना
दबे होंठों से देते हैं जवाब
आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब
**हमारे और तुम्हारे प्यार में
बस फ़र्क़ है इतना
इधर तो जल्दी-जल्दी है
उधर आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब
वो बेदर्दी से सर काटे *मेरा /**अमीर
और मैं कहूँ उनसे
हुज़ूर आहिस्ता आहिस्ता
जनाब आहिस्ता आहिस्ता
सरकती जाये है रुख़ से नक़ाब...
* केवल "दीदार-ए-यार" में शामिल
** केवल "द अनफर्गेटेबल्स" में शामिल
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