Movie/Album: द ज़ोया फैक्टर (2019)
Music By: शंकर-एहसान-लॉय
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: अरिजीत सिंह, एलिसा मेंडोंसा
मेहरबानी, है तकदीरों की
जो तेरी मेरी राहें यूँ, आ के मिली हैं
है ये कहानी, उन लकीरों की
जो तेरे मेरे हाथों की जुड़ रही हैं
इक रेत का सेहरा हूँ मैं
बारिश की फिज़ा है तू
आधा लिखा एक ख़त हूँ मैं
और ख़त का पता है तू
तू अगर काश समझ पाए
मेरे लिए क्या है तू
अगर काश समझ पाए
मेरे लिए क्या है तू
अगर काश समझ पाए...
ना था मुझे पता, ना थी मुझे ख़बर
कि इस कदर करीब आएँगे
भले ही देर से मिलेंगे हम मगर
लिखा के यूँ नसीब लाएँगे
खुशनसीबी, है मेरी आँखों की
जो तेरा सपना रातों को देखती हैं
ख़ुश्मिज़ाजी, है मेरी बाहों की
तेरी हरारत से खुद को सेंकती हैं
मैं रात हूँ और चाँद की
सूरत की तरह है तू
लग के नहीं जो छूटती
आदत की तरह है तू
तू अगर काश समझ पाए...
Music By: शंकर-एहसान-लॉय
Lyrics By: अमिताभ भट्टाचार्य
Performed By: अरिजीत सिंह, एलिसा मेंडोंसा
मेहरबानी, है तकदीरों की
जो तेरी मेरी राहें यूँ, आ के मिली हैं
है ये कहानी, उन लकीरों की
जो तेरे मेरे हाथों की जुड़ रही हैं
इक रेत का सेहरा हूँ मैं
बारिश की फिज़ा है तू
आधा लिखा एक ख़त हूँ मैं
और ख़त का पता है तू
तू अगर काश समझ पाए
मेरे लिए क्या है तू
अगर काश समझ पाए
मेरे लिए क्या है तू
अगर काश समझ पाए...
ना था मुझे पता, ना थी मुझे ख़बर
कि इस कदर करीब आएँगे
भले ही देर से मिलेंगे हम मगर
लिखा के यूँ नसीब लाएँगे
खुशनसीबी, है मेरी आँखों की
जो तेरा सपना रातों को देखती हैं
ख़ुश्मिज़ाजी, है मेरी बाहों की
तेरी हरारत से खुद को सेंकती हैं
मैं रात हूँ और चाँद की
सूरत की तरह है तू
लग के नहीं जो छूटती
आदत की तरह है तू
तू अगर काश समझ पाए...
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