Music By: विशाल भारद्वाज
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: विशाल भारद्वाज
बेकराँ है बेकराँ, आँखें बंद कीजे ना
डूबने लगे हैं हम, साँस लेने दीजे ना
लिल्हा
एक ज़रा चेहरा उधर कीजे, इनायत होगी
आपको देख के बड़ी देर से मेरी साँस रुकी हैं
बेकराँ है बेकराँ...
एक ज़रा देखिये तो आपके पाँव तले
कुछ तो अटका है कहीं, वक़्त से कहिये है चले
उड़ती-उड़ती सी नज़र, मुझको छू जाये अगर
एक तसलीन को हर बार मेरी आँख झुक है
आपको देख के...
आँख कुछ लाल-सी है, रात जागे तो नहीं
रात जब बिजली गई, डर के भागे तो नहीं
क्या लगा भूटकली, जैसे कोई चोट चले
जाने क्या सोच के इस बार मेरी आँख झुके
आपको देख के...
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