Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: इरशाद कामिल
Performed By: निकिता गाँधी, अकासा
इंटरनेट के ज्ञानी जाने
कौन कबीरा रूमी है
रब के फंडे संडे मंडे
पढ़ के चकरी घूमी है
नॉलेज सारी हो हर तैयारी हो
पर जब आती है बारी तो
कंपन बॉडी में हलचल जीने में
और फिर सीने में जारी हो
वही धक-धक वही धक-धक
हुई धक-धक उई धक-धक
मेरी धक-धक मेरी धक-धक
वही नॉकिंग वही लॉकिंग
वही टॉकिंग वही बक-बक
वही धक-धक यही धक-धक
चले धक-धक रुके धक-धक
कहाँ तक-तक यहीं तक-तक
कहाँ धक-धक यहीं धक-धक
वही धक-धक रही धक-धक
कयामत से कयामत तक
इसी धक-धक में है जीना
कोई बोले लव लेना है
कोई बोले देना है
डेफिनीशन इसके लाखों
डेफिनीशन में ये ना है
आर्टिफीशियल है या ऑरिजनल है
उलझन सिंगल है सालों से
एक दिन आएगा बच ना पायेगा
अपने दिल की तू तालों से
वही धक-धक वही धक-धक
हुई धक-धक उई धक-धक
मेरी धक-धक मेरी धक-धक
वही अड़चन वही तड़पन
वही फिसलन वही झक-झक
वही धक-धक यही धक-धक
जगी धक-धक लगी धक-धक
कहाँ तक-तक...
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