Music By: प्रीतम चक्रबर्ती
Lyrics By: इरशाद कामिल
Performed By: दर्शन रावल, अंतरा मित्रा
चाहिए किसी साये में जगह
चाहा बहुत बार है
ना कहीं कभी मेरा दिल लगा
कैसा समझदार है
मैं ना पहुँचूँ क्यूँ वहाँ पे
जाना चाहूँ मैं जहाँ
मैं कहाँ खो गया
ऐसा क्या हो गया
ओ मेहेरमा क्या मिला
यूँ जुदा हो के बता
ओ मेहेरमा क्या मिला
यूँ जुदा हो के बता
ना खबर अपनी रही
ना खबर अपनी रही
ना रहा तेरा पता
ओ मेहरमा क्या मिला
यूँ जुदा हो के बता
जो शोर का हिस्सा हुई
वो आवाज़ हूँ लोगों में हूँ
पर तन्हा हूँ मैं
हाँ तन्हा हूँ मैं
दुनिया मुझे मुझ से जुदा ही
करती रहे
बोलूँ मगर न बातें करूँ
ये क्या हूँ मैं
सब है लेकिन, मैं नहीं हूँ
वो जो थोड़ा था सही
वो हवा हो गया
क्यूँ खफा हो गया
ओ मेहरमा क्या मिला...
यूँ तो ये जहां पा लिया
मैंने ही मुझे पाया ना
हो के औरों सा जाने क्यूँ
जीना ही मुझे आया ना
दुनिया में इतना उलझा
खुद से मैं टूटा हूँ
मुझसे हमेशा मैं ही पीछे छूटा
मैं कहाँ खो गया
ऐसा क्या हो गया
ओ मेहरमा क्या मिला...
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