Music By: तनिष्क-वायु
Lyrics By: वायु
Performed By: अरिजीत सिंह
वो कहते हैं इश्क हद में करो
जो इश्क क्या है ना जानें
ये दिल तो अनपढ़ देहाती सा है
क्या कुछ लिखा है क्या जाने
बाहर से देखा जिन्होंने
अंदर चले क्या क्या जानें
हम जल जाएँगे राख बचेगी
इश्क में इतना आग बचेगी
फिर भी इन सीली आँखों में
आख़िरी लौ तक आस बचेगी
जल जाएँगे राख बचेगी
इश्क में इतना आग बचेगी
फिर भी इन सीली आँखों में
आख़िरी लौ तक आस बचेगी
चुप तो ना होगी मुहब्बत
दुशवारियों से डरा के
उम्मीद इसका लहू है
है दर्द इसकी ख़ुराकें
जितने ज़ख़म और जुड़ेंगे
उतना बढ़ेंगी ये शाखें
वो काट डाले हमें चाहे रोज़
ज़िद जड़ में है क्या करेंगे
एक प्यार एक जंग दोनों के दोष
एक घर में है क्या करेंगे
एक दिल ही ख़ुद में बहुत है
किस-किस की परवाह करेंगे
हम जल जाएँगे राख बचेगी...
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