Music By: अनु मलिक
Lyrics By: रानी मलिक
Performed By: अनमोल मलिक, बेनी दयाल
चुरा के दिल मेरा गोरिया चली
उड़ा के निंदिया कहाँ तू चली
पागल हुआ, दीवाना हुआ
कैसी ये दिल की लगी
चुरा के दिल तेरा गोरिया चली
मुझे क्या पता कहाँ मैं चली
ओ मंज़िल मेरी बस तू ही तू
तेरी गली मैं चली
नशीली नशीली निगाहों ने लूटा
अदाओं ने घायल किया
कभी पास आ के कभी दूर जा के
बड़ा दर्द तूने दिया
मेरे रूप का मेरे रंग का
तेरे रूप का तेरे रंग का
छाया है मुझ पे नशा
चुरा के दिल मेरा...
हे अकेला हूँ मैं भी, अकेली है तू भी
बड़ी दिलनशी रात है
तुझे मैं बता दूँ, मुझे तू बता दे
जो लब पे रुकी बात है
न कोई है डर, न कोई फिकर
आने लगा है मज़ा
चुरा के दिल मेरा...
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