Music By: शशि सुमन
Lyrics By: प्रशांत इंगोले
Performed By: विशाल ददलानी
बस खुद की ही सुनता बातें
नादानी से है नाते
गुर्राता आते जाते
दिन को कहता ये रातें
हो देखे है आँखों में
किस्मत की आँखें डाले
हवा के कानों में जा के कहे
किस्मत पिद्दी है
दिल ये ज़िद्दी है
दिल ये ज़िद्दी है
दिल ये ज़िद्दी है, ज़िद्दी है
दिल ये ज़िद्दी है...
मनमानी के ओये ओये ओये
शहर जा के ओये ओये ओये
शैतानी लाता है, सर पे ये बांध के
छेड़खानी को ओये ओये ओये
ये समझा के ओये ओये ओये
नज़रों पे चुपके से लाता है पहन के
रहता सबसे टकराते
अपनी ही धुन में गाते
ओ देखे हैं आँखों में
किस्मत की आँखें डाले
हवा के कानों में जा के कहे
किस्मत पिद्दी है
दिल ये ज़िद्दी है...
ये परछाइयों से छुपता यहाँ
फिर तन्हाइयों से लड़ता यहाँ
जो चाहता है वो है किया
अपनी ही शर्तों पे ये है जिया
ओहो ज़िद्दी है, ज़िद्दी है
कैसा, कैसा ये ज़िद्दी है
दिल ये ज़िद्दी है...
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...