मेरे देश की धरती - Mere Desh Ki Dharti (Mahendra Kapoor, Upkar)

Movie/Album: उपकार (1967)
Music By: कल्याणजी-आनंदजी
Lyrics By: गुलशन बावरा
Performed By: महेंद्र कपूर

मेरे देश की धरती
सोना उगले
उगले हीरे मोती

बैलों के गले में जब घुँघरू
जीवन का राग सुनाते हैं
गम कोसों दूर हो जाता है
खुशियों के कँवल मुसकाते हैं
सुन के रहट की आवाज़ें
यूँ लगे कहीं शहनाई बजे
आते ही मस्त बहारों के
दुल्हन की तरह हर खेत सजे
मेरे देश की धरती...

जब चलते हैं इस धरती पे हल
ममता अंगड़ाईयाँ लेती हैं
क्यों ना पूजें इस माटी को
जो जीवन का सुख देती है
इस धरती पे जिसने जनम लिया
उसने ही पाया प्यार तेरा
यहाँ अपना पराया कोई नहीं
है सब पे माँ, उपकार तेरा
मेरे देश की धरती...

ये बाग़ है गौतम नानक का
खिलते हैं अमन के फूल यहाँ
गांधी, सुभाष, टैगोर, तिलक
ऐसे हैं चमन के फूल यहाँ
रंग हरा हरी सिंह नलवे से
रंग लाल है लाल बहादूर से
रंग बना बसन्ती भगत सिंह
रंग अमन का वीर जवाहर से
मेरे देश की धरती...

5 comments :

  1. All time EVERGREEN SONG....with full of emotions,respect, love towards INDIA's culture,Soil,People...
    Mahendra Kapoor ji ko koti-koti naman....

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    1. Yes.....always evergreen song...jai hind

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  2. Timeless Song sung by Mahendra Kapoor....
    which shows the full of emotions, love,respect,people,culture of INDIA...
    Koti-koti naman ...

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  3. Golden voice of the era, patriotic song, Proud to be an indian .
    Jai hind..

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  4. all time fav,
    title song of my school batch :)

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