यूँ हसरतों के दाग़ - Yun Hasraton Ke Daag (Lata Mangeshkar, Adalat)

Movie/Album: अदालत (1958)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: राजेंद्र कृषण
Performed By: लता मंगेशकर

यूँ हसरतों के दाग़ मुहब्बत में धो लिये
खुद दिल से दिल की बात कही और रो लिये

घर से चले थे हम तो खुशी की तलाश में
ग़म राह में खड़े थे वही साथ हो लिये
खुद दिल से...

मुरझा चुका है फिर भी ये दिल फूल ही तो है
अब आप की ख़ुशी से काँटों में सो लिये
खुद दिल से...

होंठों को सी चुके तो ज़माने ने ये कहा
ये चुप सी क्यों लगी है अजी कुछ तो बोलिये
खुद दिल से...

8 comments :

  1. I agree "Hindi gaano ka maza hindi main hi hai"

    ReplyDelete
  2. इस गाने को सुनता रहा और आंसू बहाता रहा ।

    ReplyDelete
  3. Old is gold, admire lyricist for the beautiful compositon

    ReplyDelete
  4. Thanks urdu language for the lovely lyrics

    ReplyDelete
  5. न हसरत ही थी कोई उनको पाने की , .
    मगर है मोहब्बत बहुत मुझे उनसे .
    आरज़ू में न जाने फिर क्यों रहती है वो मेरी.
    इक प्यास बन कर .

    ReplyDelete
  6. अब आपकी खुशी इसे कांटो में तोलिए। ये लाइन होनी चाहिए थी

    ReplyDelete
    Replies
    1. क्या बात है भाइ ।

      Delete

यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...