चल री सजनी - Chal Ri Sajni (Mukesh, Bambai Ka Babu)

Movie/Album: बम्बई का बाबू (1960)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: मुकेश

चल री सजनी अब क्या सोचे
कजरा ना बह जाये रोते-रोते

बाबुल पछताए हाथों को मल के
काहे दिया परदेस टुकड़े को दिल के
आँसू लिये, सोच रहा, दूर खड़ा रे
चल री सजनी...

ममता का आँगन, गुड़ियों का कंगना
छोटी बड़ी सखियाँ, घर गली अंगना
छूट गया, छूट गया, छूट गया रे
चल री सजनी...

दुल्हन बन के गोरी खड़ी है
कोई नही अपना कैसी घड़ी है
कोई यहाँ, कोई वहाँ, कोई कहाँ रे
चल री सजनी...
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