Movie/Album: शहनाई (1964)
Music By: रवि
Lyrics By: राजिंदर कृषण
Performed By: मो.रफ़ी
ना झटको ज़ुल्फ़ से पानी
ये मोती फूट जायेंगे
तुम्हारा कुछ न बिगड़ेगा
मगर दिल टूट जायेंगे
ना झटको ज़ुल्फ़...
ये भीगी रात, ये भीगा बदन, ये हुस्न का आलम
ये सब अन्दाज़ मिल कर, दो जहां को लूट जायेंगे
ना झटको ज़ुल्फ़...
ये नाज़ुक लब हैं या आपस में दो लिपटी हुई कलियाँ
ज़रा इनको अलग कर दो, तरन्नुम फूट जायेंगे
ना झटको ज़ुल्फ़...
हमारी जान ले लेगा, ये नीची आँख का जादू
चलो अच्छा हुआ मर कर, जहां से छूट जायेंगे
ना झटको ज़ुल्फ़...
Music By: रवि
Lyrics By: राजिंदर कृषण
Performed By: मो.रफ़ी
ना झटको ज़ुल्फ़ से पानी
ये मोती फूट जायेंगे
तुम्हारा कुछ न बिगड़ेगा
मगर दिल टूट जायेंगे
ना झटको ज़ुल्फ़...
ये भीगी रात, ये भीगा बदन, ये हुस्न का आलम
ये सब अन्दाज़ मिल कर, दो जहां को लूट जायेंगे
ना झटको ज़ुल्फ़...
ये नाज़ुक लब हैं या आपस में दो लिपटी हुई कलियाँ
ज़रा इनको अलग कर दो, तरन्नुम फूट जायेंगे
ना झटको ज़ुल्फ़...
हमारी जान ले लेगा, ये नीची आँख का जादू
चलो अच्छा हुआ मर कर, जहां से छूट जायेंगे
ना झटको ज़ुल्फ़...
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