बूझ मेरा क्या नाम रे - Boojh Mera Kya Naam Re (Shamshad Begum, CID)

Movie/Album: सी.आई.डी. (1956)
Music By: ओ.पी.नैय्यर
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: शमशाद बेगम

बूझ मेरा क्या नाम रे, नदी किनारे गाँव रे
पीपल झूमे मोरे आँगना, ठण्डी ठण्डी छाँव रे

लोग कहे मैं बाँवरी, मेरे उलझे-उलझे बाल
मेरा काला-काला तिल है, मेरे गोरे-गोरे गाल
मैं चली, जिस गली, झूमे सारा गाँव रे
बूझ मेरा क्या...

आज संभल के देखना, बाबूजी हमरी ओर
कहीं दिल से लिपट न जाए, लम्बी जुल्फों की डोर
मैं चली, मन चली, सबका मन ललचाऊं रे
बूझ मेरा क्या...

दिल वालों के बीच में, मेरी अँखियाँ हैं बदनाम
हूँ एक पहेली फिर भी, कोई बूझे मेरा नाम
मैं चली, ले चली, बूझो तो कित जाऊं रे
बूझ मेरा क्या...

3 comments :

  1. A song from 1956....still gives refreshment no matter how many times you listen!!!!
    Beauty!!!!

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  2. Boojh mera kya naav re...makes no sence. Should be Pooch mera kya naam re... Mujrooh Sultanpuri or music director should explain .

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