Movie/Album: पतंगा (1949)
Music By: सी.रामचंद्र
Lyrics By: राजिंदर कृष्ण
Performed By: शमशाद बेगम, सी.रामचंद्र
हेलो, हिंदुस्तान का देहरादून
हेलो, मैं रंगून से बोल रहा हूँ
मैं अपनी बीबी रेणुका देवी से बात करना चाहता हूँ
मेरे पिया
ओ मेरे पिया गए रंगून
किया है वहाँ से टेलीफून
तुम्हारी याद सताती है
जिया में आग लगाती है
हम छोड़ के हिंदुस्तान बहुत पछताए
हुई भूल जो तुमको साथ न लेकर आये
हम बरमा की गलियों में और तुम हो देहरादून
तुम्हारी याद सताती है...
मेरी भूख प्यास भी खो गयी ग़म के मारे
में अधमुई सी हो गई ग़म के मारे
तुम बिन साजन, जनवरी फरवरी बन गए मई और जून
तुम्हारी याद सताती है...
अजी तुमसे बिछड़ के हो गए हम सन्यासी
खा लेते हैं जो मिल जाए, रुखी सुखी बासी
अजी लुंगी बाँध के करें गुज़ारा भूल गए पतलून
तुम्हारी याद सताती है...
Music By: सी.रामचंद्र
Lyrics By: राजिंदर कृष्ण
Performed By: शमशाद बेगम, सी.रामचंद्र
हेलो, हिंदुस्तान का देहरादून
हेलो, मैं रंगून से बोल रहा हूँ
मैं अपनी बीबी रेणुका देवी से बात करना चाहता हूँ
मेरे पिया
ओ मेरे पिया गए रंगून
किया है वहाँ से टेलीफून
तुम्हारी याद सताती है
जिया में आग लगाती है
हम छोड़ के हिंदुस्तान बहुत पछताए
हुई भूल जो तुमको साथ न लेकर आये
हम बरमा की गलियों में और तुम हो देहरादून
तुम्हारी याद सताती है...
मेरी भूख प्यास भी खो गयी ग़म के मारे
में अधमुई सी हो गई ग़म के मारे
तुम बिन साजन, जनवरी फरवरी बन गए मई और जून
तुम्हारी याद सताती है...
अजी तुमसे बिछड़ के हो गए हम सन्यासी
खा लेते हैं जो मिल जाए, रुखी सुखी बासी
अजी लुंगी बाँध के करें गुज़ारा भूल गए पतलून
तुम्हारी याद सताती है...
Fine song
ReplyDeleteसी. रामचंद्र जी का संगीत के साथ स्वयं उनके साथ में समशाद बेगम! बहुत सुंदर प्रस्तुति!!
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