औरत ने जनम दिया मर्दों को - Aurat Ne Janam Diya Mardon Ko (Lata Mangeshkar, Sadhna)

Movie/Album: साधना (1958)
Music By: एन.दत्ता
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: लता मंगेशकर

औरत ने जनम दिया मर्दों को, मर्दों ने उसे बाज़ार दिया
जब जी चाहा मसला कुचला, जब जी चाहा दुत्कार दिया

तुलती है कहीं दीनारों में, बिकती है कहीं बाज़ारों में
नंगी नचवाई जाती है, ऐय्याशों के दरबारों में
ये वो बेइज़्ज़त चीज़ है जो, बंट जाती है इज़्ज़तदारों में
औरत ने जनम दिया मर्दों को...

मर्दों के लिये हर ज़ुल्म रवाँ, औरत के लिये रोना भी खता
मर्दों के लिये लाखों सेजें, औरत के लिये बस एक चिता
मर्दों के लिये हर ऐश का हक़, औरत के लिये जीना भी सज़ा
औरत ने जनम दिया मर्दों को...

जिन होठों ने इनको प्यार किया, उन होठों का व्योपार किया
जिस कोख में इनका जिस्म ढला, उस कोख का कारोबार किया
जिस तन से उगे कोपल बन कर, उस तन को ज़लील-ओ-खार किया
औरत ने जनम दिया मर्दों को...

मर्दों ने बनायी जो रस्में, उनको हक़ का फ़रमान कहा
औरत के ज़िन्दा जलने को, कुर्बानी और बलिदान कहा
इस्मत के बदले रोटी दी, और उसको भी एहसान कहा
औरत ने जनम दिया मर्दों को...

संसार की हर एक बेशर्मी, गुर्बत की गोद में पलती है
चकलों ही में आ के रुकती है, फ़ाकों से जो राह निकलती है
मर्दों की हवस है जो अक्सर, औरत के पाप में ढलती है
औरत ने जनम दिया मर्दों को...

औरत संसार की क़िस्मत है, फ़िर भी तक़दीर की हेटी है
अवतार पयम्बर जनती है, फिर भी शैतान की बेटी है
ये वो बदक़िस्मत माँ है जो, बेटों की सेज़ पे लेटी है
औरत ने जनम दिया मर्दों को...

9 comments :

  1. the superb song of Sahair sahab aapko shat shat naman.

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  2. Touching song .hats of to sahir...

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  3. This song is so very fact to the real life each time I play this song I get tears and start to cry

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  4. Sachin ko jhutlaya ja sakta Hai badla nahin ja sakta

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  5. बहुत ही मर्मस्पर्शी 😢...

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  6. गुस्ताखी माफ़ अर्ज़ किया हे
    ये हक़ीक़त हे हर मर्द की, जो गैरत मंद मर्दो के आँखों से पर्दा हटा सकती हे

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  7. AURAT ne janam DIYA Mardo KO
    MARDO ne use bazar DIYA
    *Jab chaha Machla. Kuch la
    Jab ji chaha dhitkar DIYA
    *MARDO ke liye sab cheez ka haq
    AURAT ke. Liye Jina Bhi. Saza.
    *AURAT bachee jati haI. iZAT Daron Mai
    Aurat keChita KO balidan kaha

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  8. साहिर साहब की कलम ने इन्सान के हर कष्ट को बखूबी बयां किया है। औरत ने जनम दिया मर्दों को, ये महलों ये तख्तों ये ताज़ों की दुनिया, जिन्हें नाज़ है हिन्द पर वो कहां है आदि ऐसे गाने हैं जिन्हें इन्क़लाबी शायर साहिर साहब के अलावा और कौन लिख सकता है। महिला दिवस 2019 के दिन महिलाओं के सम्मान की तहत मैंने उनका गीत ' औरत ने जनम दिया ' सुना और लिरिक्श पढे भी।

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  9. साहिर साहब ने तो बहुत कुछ लिखा और बहुत उमदा लिखा पर यदि उन्होंने सिर्फ यह एक नज़्म लिखी होती तो भी वो अमर रहते..

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