Movie/Album: जुअल थीफ (1967)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: लता मंगेशकर
होठों में ऐसी बात मैं दबा के चली आयी
खुल जाये वही बात तो दुहाई है दुहाई
हाँ रे हाँ, बात जिसमें, प्यार तो है, ज़हर भी है, हाय
होंठों में ऐसी बात...
हो शालू...
रात काली नागन सी हुई है जवां
हाय दईय्या किसको डसेगा ये समां
जो देखूँ पीछे मुड़ के
तो पग में पायल तड़पे
आगे चलूँ तो धड़कती है सारी अंगनाई
होंठों में ऐसी बात...
हो शालू...
ऐसे मेरा ज्वाला सा तन लहराये
लट कहीं जाए घूँघट कहीं जाये
अरे अब झुमका टूटे
के मेरी बिंदिया छूटे
अब तो बनके क़यामत लेती हूँ अंगड़ाई
होंठों में ऐसी बात...
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: लता मंगेशकर
होठों में ऐसी बात मैं दबा के चली आयी
खुल जाये वही बात तो दुहाई है दुहाई
हाँ रे हाँ, बात जिसमें, प्यार तो है, ज़हर भी है, हाय
होंठों में ऐसी बात...
हो शालू...
रात काली नागन सी हुई है जवां
हाय दईय्या किसको डसेगा ये समां
जो देखूँ पीछे मुड़ के
तो पग में पायल तड़पे
आगे चलूँ तो धड़कती है सारी अंगनाई
होंठों में ऐसी बात...
हो शालू...
ऐसे मेरा ज्वाला सा तन लहराये
लट कहीं जाए घूँघट कहीं जाये
अरे अब झुमका टूटे
के मेरी बिंदिया छूटे
अब तो बनके क़यामत लेती हूँ अंगड़ाई
होंठों में ऐसी बात...
जब ये फिल्म रिलीज हुई थी तब मैं विद्यार्थी था इंजीनियरिंग फर्स्ट ईयर का, बनारस में। तब आज तक ये गाना दिलों दिमाग पे यूं कौंधा कि बस पूछिए मत। धमाकेदार म्यूजिक है और ऊपर से लताजी का गीत। ये हमारे सदाबहार गीतों में से एक है।
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