Movie/Album: हाउस न.44 (1955)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: हेमंत कुमार
तेरी दुनियाँ में जीने से, तो बेहतर हैं के मर जाये
वही आँसू, वही आहें, वही गम हैं जिधर जाये
कोई तो ऐसा घर होता, जहा से प्यार मिल जाता
वही बेगाने चेहरे हैं, जहा पहूंचे, जिधर जाये
अरे ओ आसमांवाले, बता इस में बुरा क्या हैं
खुशी के चार झोंके गर, इधर से भी गुजर जाये
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: हेमंत कुमार
तेरी दुनियाँ में जीने से, तो बेहतर हैं के मर जाये
वही आँसू, वही आहें, वही गम हैं जिधर जाये
कोई तो ऐसा घर होता, जहा से प्यार मिल जाता
वही बेगाने चेहरे हैं, जहा पहूंचे, जिधर जाये
अरे ओ आसमांवाले, बता इस में बुरा क्या हैं
खुशी के चार झोंके गर, इधर से भी गुजर जाये
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