Movie/Album: बाज़ी (1951)
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: गीता दत्त
तदबीर से बिगड़ी हुई, तकदीर बना ले
अपने पे भरोसा है तो एक दाँव लगा ले
डरता है जमाने की निगाहों से भला क्यों
इन्साफ तेरे साथ है, इल्ज़ाम उठा ले
अपने पे भरोसा है...
क्या ख़ाक वो जीना है, जो अपने ही लिए हो
खुद मिट के किसी और को मिटने से बचा ले
अपने पे भरोसा है...
टूटे हुए पतवार है, कश्ती के तो हम क्या
हारी हुई बाहों को ही पतवार बना दे
अपने पे भरोसा है...
Music By: एस.डी.बर्मन
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: गीता दत्त
तदबीर से बिगड़ी हुई, तकदीर बना ले
अपने पे भरोसा है तो एक दाँव लगा ले
डरता है जमाने की निगाहों से भला क्यों
इन्साफ तेरे साथ है, इल्ज़ाम उठा ले
अपने पे भरोसा है...
क्या ख़ाक वो जीना है, जो अपने ही लिए हो
खुद मिट के किसी और को मिटने से बचा ले
अपने पे भरोसा है...
टूटे हुए पतवार है, कश्ती के तो हम क्या
हारी हुई बाहों को ही पतवार बना दे
अपने पे भरोसा है...
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