Movie/Album: फ़ालतू (2011)
Music By: सचिन जिगर
Lyrics By: समीर
Performed By: आतिफ़ असलम
हूँ खुदी से लापता, हूँ खुदी से लापता
चीखती मेरी खामोशियाँ यहाँ
बेख्वाब से ख्वाब हैं ख़्वाबों में मेरे
खुरदुरे सन्नाटों में, कहीं तो कैद मेरी आहटे हैं
बेसाख्ता इस दर्द से, अब ले जा छुड़ा के
ले जा तू मुझे, खुले आसमां में
ले जा तू मुझे, अपने जहां में
ले जा तू मुझे, कर के रिहा तू ले जा
अब ले जा, तू ले जा, मुझे ले जा
अब दबी-दबी आवाज़ है, खोए सभी अल्फाज़ है
नाराज़ क्यूँ साज़ है गानों से मेरे
चुभ रही हैं वो शिकायतें
शिकायतें न जाने क्यों अपनी चाहतें
बेसाख्ता इस दर्द से, अब ले जा छुड़ा के
ले जा तू मुझे...
पल टूटा-टूटा है, भीगा-भीगा है, ख्वाबों का निशाँ
ओ मन रूठा-रूठा है, अब अकेला है यादों का जहां
हो अनजाने लोगों की दुनिया से ले जा
ले जा तू मुझे...
Music By: सचिन जिगर
Lyrics By: समीर
Performed By: आतिफ़ असलम
हूँ खुदी से लापता, हूँ खुदी से लापता
चीखती मेरी खामोशियाँ यहाँ
बेख्वाब से ख्वाब हैं ख़्वाबों में मेरे
खुरदुरे सन्नाटों में, कहीं तो कैद मेरी आहटे हैं
बेसाख्ता इस दर्द से, अब ले जा छुड़ा के
ले जा तू मुझे, खुले आसमां में
ले जा तू मुझे, अपने जहां में
ले जा तू मुझे, कर के रिहा तू ले जा
अब ले जा, तू ले जा, मुझे ले जा
अब दबी-दबी आवाज़ है, खोए सभी अल्फाज़ है
नाराज़ क्यूँ साज़ है गानों से मेरे
चुभ रही हैं वो शिकायतें
शिकायतें न जाने क्यों अपनी चाहतें
बेसाख्ता इस दर्द से, अब ले जा छुड़ा के
ले जा तू मुझे...
पल टूटा-टूटा है, भीगा-भीगा है, ख्वाबों का निशाँ
ओ मन रूठा-रूठा है, अब अकेला है यादों का जहां
हो अनजाने लोगों की दुनिया से ले जा
ले जा तू मुझे...
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