मुखड़ा चाँद का टुकड़ा - Mukhda Chand Ka Tukda (Alka Yagnik, Kudrat Ka Kanoon)

Movie/Album: कुदरत का कानून (1987)
Music By: लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
Lyrics By: फारूक कैसर
Performed By: अलका याग्निक

हो मुखड़ा चाँद का टुकड़ा
मेरे नैन शराब के प्याले
जब जहाँ देखे मुझे मर-मर जाएँ
मर जाएँ दिलवाले
हो मुखड़ा चाँद का...

गालों पे मेरे जो तिल का निशान है
आशिकों की चाहत है, शायरों की जान है
मेरे होठों का रंग गुलाबी
मेरी चाल है यारों शराबी
जब चलती हूँ मैं बलखा के
दिल संभले ना किसी के संभाले
हो मुखड़ा चाँद का...

देखा ना होगा कहीं ऐसा शबाब हूँ
मेरा जवाब नहीं मैं लाजवाब हूँ
मेरे सर से जो चुनरी सरके
तो दीवानों का दिल धड़के
जब कभी देखूँ यहाँ मुस्का के
खुले बंद दिलों के ताले
हो मुखड़ा चाँद का...

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