Movie/Album: पतिता (1980)
Music By: बप्पी लाहिरी
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: किशोर कुमार
होंठों पे जान चली आएगी
नैनों में नींद नहीं आएगी
रैना नहीं ये नागिन है
ऐसा लगे
हम दोनों को ये एक साथ डस जाएगी
होठों पे जान चली...
तेरी आधी जागी आधी सोई-सोई आँखें
ऐसे पलकों के झरोखों से झाँके
जैसे मेरी तू, दुल्हन है
ऐसा है तो
मेरे सपनों की सूनी सेज सज जाएगी
होठों पे जान चली...
कोई दूजा नहीं खाली घर लगता है
खाली घर में भी थोड़ा डर लगता है
दुनिया दिलों की दुश्मन है
ऐसे हमें
किसी ने जो देखा तो कहानी बन जाएगी
होठों पे जान चली...
तुझे इस नैनों वाली डोली में बिठा दूँ
अंग छू के कली से मैं फूल बना दूँ
ये लट मगर एक उलझन है
तू ही बता
इसे मेरी प्रीत भला कैसे सुलझाएगी
होठों पे जान चली...
Music By: बप्पी लाहिरी
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: किशोर कुमार
होंठों पे जान चली आएगी
नैनों में नींद नहीं आएगी
रैना नहीं ये नागिन है
ऐसा लगे
हम दोनों को ये एक साथ डस जाएगी
होठों पे जान चली...
तेरी आधी जागी आधी सोई-सोई आँखें
ऐसे पलकों के झरोखों से झाँके
जैसे मेरी तू, दुल्हन है
ऐसा है तो
मेरे सपनों की सूनी सेज सज जाएगी
होठों पे जान चली...
कोई दूजा नहीं खाली घर लगता है
खाली घर में भी थोड़ा डर लगता है
दुनिया दिलों की दुश्मन है
ऐसे हमें
किसी ने जो देखा तो कहानी बन जाएगी
होठों पे जान चली...
तुझे इस नैनों वाली डोली में बिठा दूँ
अंग छू के कली से मैं फूल बना दूँ
ये लट मगर एक उलझन है
तू ही बता
इसे मेरी प्रीत भला कैसे सुलझाएगी
होठों पे जान चली...
No comments :
Post a Comment
यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...