आज रो लेन दे - Aaj Ro Len De (Sharib Sabri, 1920 London)

Movie/Album: १९२० लन्दन (2016)
Music By: शारिब-तोषी
Lyrics By: कलीम शेख, शारिब, तोषी
Performed By: शारिब सबरी

आज रो लेन दे वे जी भर के
मेरी साँसों से दगा कर के
तू गया मुझको फ़ना कर के वे जानिया
मेरा ज़ख्म-ए-दिल हरा कर दे
इस ग़म की अब दवा कर दे
नज़रों को बा-वफ़ा कर दे वे जानिया
आदत है तेरी, या तेरा नशा है
कैसे बताऊँ तुझको रह्बरा
आज रो लेन दे...

साँसों को तेरी ज़रूरत
करे कैसे बयाँ कोई
आँखों में है ऐसी रंगत
कि रोशन हो जहां कोई
दिल बीमार-ए-मोहब्बत है
बस चाहता थोड़ी राहत है
तेरा ग़म ही मेरी मंज़िल है
तू ना क्यों मुझको हासिल है
हूँ मैं दरिया तू ही साहिल है वे जानिया
आज रो लेन दे...

ज़िन्दा हूँ है मुझको हैरत
मैं तेरे बिन जिया कैसे
साँसों ने की ऐसी जुर्रत
ज़हर हँस के पिया कैसे
तेरे दर्द से मेरी निस्बत है
तेरी यादों की हसीं सोहबत है
अश्कों से दिल को तर कर दे
मेरी आहों में असर भर दे
मेरी नज़रों पे नज़र कर दे वे जानिया
आज रो लेन दे...
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