Movie/Album: अशोका (2001)
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: अल्का याग्निक, अभिजीत भट्टाचार्य
रौशनी से भरे-भरे, भरे-भरे नैना तेरे
रौशनी से भरे-भरे, भरे-भरे नैना तेरे
छू के बोले, न छूना मुझे
सपनों से भरे-भरे, भरे-भरे नैना तेरे
सपनों से भरे-भरे, भरे-भरे नैना तेरे
छू के बोले, न छूना मुझे
ढूँढा है ढूँढा है तुझे, आकाश ऊपर तले
शायद किसी बदरी में, लिपटी हुई तू मिले
ढूँढा है ढूँढा है तुझे, आकाश ऊपर तले
शायद किसी नदिया पे, चलता हुआ तू मिले
रौशनी से...
मैंने समय रोक के, तेरा पता पूछा है
मिली नदी से कह के, सागर तले ढूँढा है
हो लहरों पे चलते हुए, पानी की फन छूते हैं
जैसे तेरे हाथ हो, मेरा ये तन छूते हैं
रौशनी से...
Music By: अनु मलिक
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: अल्का याग्निक, अभिजीत भट्टाचार्य
रौशनी से भरे-भरे, भरे-भरे नैना तेरे
रौशनी से भरे-भरे, भरे-भरे नैना तेरे
छू के बोले, न छूना मुझे
सपनों से भरे-भरे, भरे-भरे नैना तेरे
सपनों से भरे-भरे, भरे-भरे नैना तेरे
छू के बोले, न छूना मुझे
ढूँढा है ढूँढा है तुझे, आकाश ऊपर तले
शायद किसी बदरी में, लिपटी हुई तू मिले
ढूँढा है ढूँढा है तुझे, आकाश ऊपर तले
शायद किसी नदिया पे, चलता हुआ तू मिले
रौशनी से...
मैंने समय रोक के, तेरा पता पूछा है
मिली नदी से कह के, सागर तले ढूँढा है
हो लहरों पे चलते हुए, पानी की फन छूते हैं
जैसे तेरे हाथ हो, मेरा ये तन छूते हैं
रौशनी से...
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