तन जले मन जलता रहे - Tan Jale Man Jalta Rahe (Dwijen Mukhopadhyay, Madhumati)

Movie/Album: मधुमती (1958)
Music By: सलिल चौधरी
Lyrics By: शैलेन्द्र
Performed By: द्विजेन मुखोपाध्याय

तन जले मन जलता रहे
हाँ, खून पसीना ढलता रहे
जीवन का आरा चलता रहे
तन जले मन जलता रहे...

ओ हो ये है ज़िन्दगी प्यारे
काँटों में दिन गुजारे
फिर भी ना हारे
तन जले मन जलता रहे...

सुनो सैया कहानी कटी बन में
जवानी लट सुलझी बिखर गयी रे
उमरिया सारी यूँ ही गुज़र गयी रे
गोरी तुझको संभलना होगा
मेरे संग-संग चलना होगा
जाने कब तक जलना होगा
तन जले मन जलता रहे...

No comments :

Post a Comment

यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...